MOST POWERFUL SARV KARYA SIDH SHABAR MANTRA (KARYA SIDDHI SHABAR MANTRA MOST POWERFUL SHABAR MANTRA) - AN OVERVIEW

Most powerful sarv karya sidh shabar mantra (karya siddhi shabar mantra most powerful shabar mantra) - An Overview

Most powerful sarv karya sidh shabar mantra (karya siddhi shabar mantra most powerful shabar mantra) - An Overview

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उक्त मन्त्र अध्यात्म निष्ठ, आध्यात्मिक क्षमता से साध्य भौतिक सामर्थ्य को चुनौती जैसी दी गयी है। यह मन्त्र श्रद्धावान् के अनेकों कार्यों को सफल बनाने में परम क्षमतावान हैं। इस मन्त्र की साधना करके मन्त्र सिद्ध कर लेना चाहिए। सिद्ध शाबर मन्त्र ही हमारे कार्यों अथवा साधन को सिद्ध करने में समर्थ्य होते हैं

भ्रान्त कबहूं ना लाऊं, मैं ओघड का चेला  

जीवन में शत्रु हों, एक नहीं कई कई हों और उनसे सहस टक्कर लें तथा विजयी हों यही जीवन की पूर्णता है

By chanting the mantra, Lord Hanuman blesses The task-seekers to receive work in a single’s have wished-for professions. In addition, the professionals or other people in business enterprise may also achieve significant job development and improvements in Qualified fields if this mantra is chanted with selfless devotions.

हाँ, इसे समूह में भी किया जा सकता है, जिससे सामूहिक ऊर्जा का संचार होता है।

ॐ ह्रीँ प्रशस्तविधायै पद्मावत्यै click here नमः ।

ये मन्त्र पुरुष के प्रत्येक कार्य सिद्धि के साधक हैं। इन मन्त्रों की साधना विश्वास श्रद्धा भक्ति के दायरे में सतत अपेक्षित है। इन मन्त्रों की साधना विश्वास श्रद्धा के दायरे में सतत् अपेक्षित है। इस मन्त्र की साधना और मन्त्र से संभाव्य कार्य श्री गोरखनाथ गुरु के सरभंग जंजीरा मन्त्र के समान ही समझना चाहिए ।

The Hanuman Mantra is believed that can help us achieve our purpose together with grant us With all the braveness and strength to experience the complications and difficulties in everyday life.

काम्य प्रयोग एवं होम द्रव्य- मंत्र जाग्रति हेतु विधिवत् एक लाख जप करें। पुरश्चरण में मंत्र के जितने अक्षर होते हैं उतने लाख जप किये जाते हैं। पुरश्चरण से ही पूर्ण लाभ एवं महासिद्धि मिलती है।

It means that I just take refuge in Sri Hanuman, the one particular, who is swift since the mind and quickly given that the wind. He may be the learn from the senses and honored for his great intelligence, learning, and knowledge.

इति मातापद्मावत्यष्टोत्तरशतनामावलिः समाप्ता ।

ॐ ह्रीँ सर्वेश्चर्यै पद्मावत्यै नमः ।

वहीं में श्यामविराजे ब्रह्मतन्त्र से न्यारा है ।

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